Yoga , Exercise For Zero Size Figure (जीरो साइज योगा )। Yoga For Getting Zero Size |Zero Figure Exercise | Size Zero Yoga | Zero Size Exercise
शरीर में अवांछित चर्बी का बढ़ना और अनिद्रा, दो ऐसी समस्या है , जिससे अधिकांश महिलाएं पीड़ित होती हैं। महिलाएं खुद को छरहरा बनाने के लिए अनगनित साधन अपनाती हैं। योग की दुनिया में इन समस्याओ का हल मौजूद है , जो प्रभावी भी है और अभ्यास में आसान भी।
बालू में विश्राम करते समय मगरमच्छ इस आसन स्थिति में होता है इसलिए इसे मकरासन नाम दिया गया है। किसी खुले स्थान पर चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों हाथ की कलाइयों पर ठुड्डी रखें। पैर के दोनों पंजों के बीच करीब दो फीट का अंतर बनाएं। शरीर को बिल्कुल शिथिल छोड़ दीजिए और आराम की मुद्रा में लेटे हुए श्वास को सामान्य रूप से चलने दें।
लाभ
मकरासन के अभ्यास से नींद कम आना या एकदम न आने की समस्या से मुक्ति मिल जाती है। दमा , अस्थमा में भी लाभ पहुंचता है। इसके अभ्यास से आंते मजबूत होती हैं और शरीर के विभिन्न अंगो को विश्राम मिलता है।
चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। पैर मोड़कर शरीर के पास ऐसे लाएं कि एड़ियां नितम्ब को छूती रहें। दोनों एड़ियों के बीच तकरीबन एक फिट की दूरी रखें। हथेलियों को जमीन पर कान के बगल में, इस प्रकार घूमाकर रखें कि उंगलियाँ कंधे की ओर रहें। अब धीरे - धीरे शरीर को हाथों और पैरों के बल ऊपर की ओर उठाएं। हाथ और पैरों को सीधा करते हुए सिर और शरीर को पूरी गोलाई में ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकंड रुकें और फिर धीरे - धीरे सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
लाभ
मेरुदंड मजबूत होता है।
कमर लचीली होती है और चर्बी भी कम होती है।
उदर संस्थान के सभी अंगो के लिए यह आसन लाभदायक है।
सावधानियां
उच्च रक्तचाप, हृदयरोग , पेट के घाव , अस्थिदोष एवं नेत्रदोष की शिकायत हो , तो यह आसन न करें।
शरीर में अवांछित चर्बी का बढ़ना और अनिद्रा, दो ऐसी समस्या है , जिससे अधिकांश महिलाएं पीड़ित होती हैं। महिलाएं खुद को छरहरा बनाने के लिए अनगनित साधन अपनाती हैं। योग की दुनिया में इन समस्याओ का हल मौजूद है , जो प्रभावी भी है और अभ्यास में आसान भी।
मकरासन
बालू में विश्राम करते समय मगरमच्छ इस आसन स्थिति में होता है इसलिए इसे मकरासन नाम दिया गया है। किसी खुले स्थान पर चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों हाथ की कलाइयों पर ठुड्डी रखें। पैर के दोनों पंजों के बीच करीब दो फीट का अंतर बनाएं। शरीर को बिल्कुल शिथिल छोड़ दीजिए और आराम की मुद्रा में लेटे हुए श्वास को सामान्य रूप से चलने दें।
लाभ
मकरासन के अभ्यास से नींद कम आना या एकदम न आने की समस्या से मुक्ति मिल जाती है। दमा , अस्थमा में भी लाभ पहुंचता है। इसके अभ्यास से आंते मजबूत होती हैं और शरीर के विभिन्न अंगो को विश्राम मिलता है।
चक्रासन
चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। पैर मोड़कर शरीर के पास ऐसे लाएं कि एड़ियां नितम्ब को छूती रहें। दोनों एड़ियों के बीच तकरीबन एक फिट की दूरी रखें। हथेलियों को जमीन पर कान के बगल में, इस प्रकार घूमाकर रखें कि उंगलियाँ कंधे की ओर रहें। अब धीरे - धीरे शरीर को हाथों और पैरों के बल ऊपर की ओर उठाएं। हाथ और पैरों को सीधा करते हुए सिर और शरीर को पूरी गोलाई में ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकंड रुकें और फिर धीरे - धीरे सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
लाभ
मेरुदंड मजबूत होता है।
कमर लचीली होती है और चर्बी भी कम होती है।
उदर संस्थान के सभी अंगो के लिए यह आसन लाभदायक है।
सावधानियां
उच्च रक्तचाप, हृदयरोग , पेट के घाव , अस्थिदोष एवं नेत्रदोष की शिकायत हो , तो यह आसन न करें।