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Harmful Effects Of Earphones In Hindi | Earphones Bad Effects

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ईयरफोन लगाकर सड़क पर चलना, पढ़ना या काम करना युवाओं के आदत में शामिल हैं। सोते समय, यात्रा करते समय, यहां तक कि दफ़्तर में काम करते हुए वयस्क भी अब ईयरफोन के चस्के से अछूते नहीं बचे हैं।  इन तमाम ' संगीतप्रेमियों ' की सुनने की क्षमता पर खतरा मंडरा रहा है।  यह कोई सुनी - सुनाई बात नहीं है , पहले शोधों से साबित किया गया था, लेकिन अब तो बढ़ती रोगी - संख्याओं ने इसकी व्यावहारिक पुष्टि कर दी है। 
*  कानों के ऊपर लगे स्पीकर्स की तुलना में सीधे कान के अंदरूनी हिस्से में फंसे ईयरफोन के ईयरपीस  नुक़सान ही पहुंचाते हैं।  कानों की  नाज़ुक कोशिकाओं को , जो दिमाग तक ध्वनि पहुँचाने का काम करती हैं , ये ईयरफोन सबसे पहले क्षतिग्रस्त करती हैं। 

*  चाहे जिम में हों या सड़क पर या ट्रैकिंग , साइक्लिंग प्रैक्टिस पर , युवा ईयरफोन का वॉल्यूम काफ़ी ऊंचा रखते हैं , ताकि आसपास के माहौल से बचा जा सकें।  यह कान की क्षति को कई गुना बढ़ा सकता है \ और शरीर की क्षति को भी।  संगीत में खोए इंसान को शरीर के किसी हिस्से में हो रहे छोटे - मोटे  दर्द का अहसास नहीं होता।  यह मांसपेशियों में बड़ी चोट का पहला क़दम साबित हो सकता है। ख़ासतौर पर जिम में , जब वर्कआउट करते हुए रक्त फेफड़ों , दिल और शरीर के अन्य अंगों की तरफ़ दौड़ा जा रहा हो , तब इंद्रियों का जाग्रत रहना और भी ज़रूरी हो जाता है। 

*  सीधे कान में संगीत सुनने से कान के भीतर 110 डेसिबल तक की आवाज पहुंच सकती है, जो एक रॉक कन्सर्ट की ध्वनि के बराबर है।  सोच लीजिए , कान में रॉक कन्सर्ट बज रहा होगा, जब आप ईयरफोन लगाकर संगीत सुनेंगे।  शोधकर्ताओं ने पाया है कि चूंकि नुक़सान का अंदाज़ा नहीं हो पाता , तो लोग सुनने की शक्ति कम होने पर आवाज़ को और ऊंचा करते जाते हैं और कानों में जेट उड़ाने के स्तर तक भी पहुंच जाते हैं। 

*  ईयरफोन कई तरह के जीवाणु आदि को अपने ऊपर जमा कर सकते हैं।  इनके कान के भीतरी हिस्से में लगाते ही संक्रमण कान में फैलने लगता हैं। 

*  सड़क पर कारों , बसों के हॉर्न, हवाईजहाजों की आवाज या ट्रेनों की सीटियों से बचने के लिए ईयरफोन लगाने को लोग बाहर की आवाजों से मास्क करना या कानों को बचाना कहते हैं।  लेकिन यह बचाव कम डेसिबल की बिखरी हुई ध्वनि से कानों को बचाते हुए, सीधी तेज ध्वनि को अंदरूनी हिस्से तक पहुंचा देता है। 

*  शोधकर्ताओं व चिकित्सक चेतावनी दे रहे हैं कि 70 प्रतिशत से ज्यादा ऊंचे वॉल्यूम पर एक घंटे रोज़ ईयरफोन लगाकर संगीत सुनने वाले लोग चंद वर्षो में कुछ भी न सुन पाएं , तो हैरानी की कोई बात नहीं होगी।  लेकिन अपने ही हाथो से अपनी श्रवण शक्ति को ख़त्म कर देने की इस प्रक्रिया से ख़ुद को बचा लेना कितना आसान था, इसकी पीड़ा उस हैरानी से यक़ीनन कहीं बड़ी होगी।