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Symptoms and Cure Of Dyspnea ( Saans Foolna)

Symptoms and Cure Of Dyspnea ( Saans Foolna)| Shortness Of Breath Or Breathlessness( Breathing discomfort )


डिसनिया हांफते  फेफड़े 
यूं तो ज्यादा मेहनत का काम कर लेने , ज्यादा शारीरिक श्रम करने, चढ़ाई चढ़ने , वजन उठाने या दूसरे कामों के दौरान अक्सर आपको सांस फूलने की शिकायत होती होगी।  विशेषज्ञों के मुताबिक , यह किसी बड़ी बीमारी का लक्षण हो सकता है। मेडिकल साइंस में सांस फूलने के लक्षण को डिसिनया कहा जाता है। 

हो सकता है कि आपने आज तक सांस फूलने (डिसिनया ) के लक्षण पर ध्यान नहीं दिया हो। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रत्येक 24 घंटे में अनगनित बार ऐसी स्थितियां बनती हैं,जिसमे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी महसूस होती है और घबराहट का अहसास होता है। डॉक्टरों के मुताबिक ,यह स्थिति कई कारणों से बनती हैं जैसे किसी तरह का अतिरिक्त श्रम कर लेने, या फिर ऐसा कोई काम करने या ऐसी स्थितियों से दो।-चार होने पर जिसके हम आमतौर पर आदी नहीं हैं आदि। ऐसी स्थिति में श्वसन प्रक्रिया में बदलाव आ जाता है और सांस लेने में बहुत परेशानी महसूस होने लगती है।  साथ ही शरीर में एकत्र ऊर्जा का स्तर भी एकदम से गिरने लगता है जिसके कारण जी मिचलाना,घबराहट होना,छाती में दर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों, खासकर सांस फूलने को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए ,क्योंकि हमेशा यह लक्षण सामान्य नहीं होता। यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। 

ऑक्सीजन की कमी के कारण ही शरीर की विभिन्न कोशिकाएं या तो काम करना बंद कर देती हैं या फिर सिकुड़ने लगती है। सांस फूलने को हृदयाघात का प्रारंभिक लक्षण भी माना गया है। 

फेफड़ो का कमजोर होना या फेफड़ो की किसी बीमारी से पीड़ित होने पर, आपका अनियंत्रित होता शारीरिक आकार , समुद्री तल से 10000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने पर ,अति उत्तेजना और डर के अलावा मानसिक रोगियों को अक्सर यह परेशानी होती है। यदि आप डायबिटिक एसिडोसिस की मरीज़ हैं या आपके ह्रदय के वॉल्व किसी बीमारी से ग्रसित हैं अथवा खून की कमी , हीमोग्लोबीन की कमी होना भी इन कारणों में शामिल है। इसके अलावा क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पलमोनरी डिसीज़ , एमफायसीमा , ब्रांकाइटिस आदि से पीड़ित होने एवं एनीमिया , ल्यूकेमिया, कार्बनमोनोऑक्साइड का ज़हर फैलना , फेफड़ों का इंफेक्शन , रक्त के थक्के बनना आदि कारणों से भी डिसिनया की शिकायत हो सकती है। 

डॉक्टरी सलाह एवं जांच 
सांस फूलने की शिकायत आपको बार बार हो रही हो,तो ह्रदय रोग विशेषज्ञ या श्वास रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। फेफड़े और खून की जांच,ईसीजी और एक्स-रे की मदद से वे आपको उचित परामर्श देंगे। 

नियमित व्यायाम और टहलने की आदत व सुबह के समय कुछ देर बालकनी या छत पर खड़ी होकर लंबी -लंबी और खुलकर सांस लें। संतुलित वजन रखें।  योग करें।  डॉक्टर सलाह दें ,तो ट्रेंकुलाइजर या इन्हेलर का प्रयोग करें।