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Arthritis Natural Treatments | Remedies Of Joint Pain| Joint Pain Desi Nuskhe

Arthritis Natural Treatments | Remedies Of Joint Pain| Jodo Ke Dard Ke Liye Gharelu Upchar In Hindi | Joint Pain Desi Ilaj | Gharelu Upay Of Joint Pain | Joint Pain Hindi Gharelu Nuskhe | जोड़ों के दर्द के लिए देसी उपचार , नुस्खे , देसी इलाज   

ईश्वर की अदभुत कृति है हमारा स्केलेटन  यानी हड्डियों का ढांचा।  कमल है इसके जॉइंट्स, जो इन्हे सौपे गए काम के अनुसार मूवमेंट करते है , वजन उठाते हैं और दबाव झेलते हैं।  इस जटिल ढांचे को बनाने वाले शिल्पी ने इसकी देखरेख के लिए भी हमें कई उपहार दिए हैं। 

जोड़ो व हड्डियों में दर्द व जलन आज आम शिकायत है।  इसे हड्डी रोग विशेषज्ञ आर्थराइटिस कहते है।  उनके अनुसार हड्डियों के बीच के कार्टिलेज के घिस जाने या जोड़ों के टिश्यू की प्रतिरोधक क्षमता घटने से हड्डी रोग होते हैं जो मूवमेंट्स को रोक देते हैं।  जोड़ों व हड्डियों में दर्द व जलन के कई सहज प्राकृतिक उपाय हैं ,

हल्दी में शक्तिशाली आक्सीडेंट करक्यूमिन है , जो जलन पैदा करने वाले एंजाइम्स का प्रतिरोधक है।  दो कप पानी में आधा चाय चम्मच हल्दी व इतना ही अदरक का रस 10 से 15 मिनट उबालें और दिन में दो बार पिएं। 

सेंधा नमक में मेग्नीशियम सल्फेट है , जो दर्द से राहत प्रदान करता है।  एक कप गर्म पानी में आधा कप सेंधा नमक मिलाएं और इसे तेल की तरह जोड़ों पर मलें।  सेंधा नमक के पानी से स्नान करने से भी दर्द से राहत मिलती है। 

हमारे शरीर के लिए मैग्नेशियम जरूरी है, पर शरीर इसे नहीं बनाता।  इसके कई बायोमेडिकल उपयोग है।  यह मसल्स - नर्वस को आराम देता है।  दर्द से मुक्ति दिलवाता है।  गहरी हरी पत्तियों वाली सब्जी जैसे पालक, नट्स और सेमफली का खूब सेवन करें। बाजार में मैग्नेशियम आयल भी मौजूद है।  इसे मलने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। 

जोड़ों में दर्द हो तो चलना मुश्किल हो जाता है, पर मूवमेंट बंद कर देंगे तो वजन बढ़ेगा जो जॉइंट्स पर दबाव बढ़ाएगा।  मूवमेंट करेंगे तो मसल्स मजबूत रहेंगे व जोड़ों को ताकत मिलेगी।  चलने - फिरने से जॉइंट्स का कार्टिलेज पतला होता है और लुब्रिकेंट्स का काम करता है।  जोड़ों से जुड़ी एक्सरसाइज भी स्टीफनेस व दर्द घटाएगी। 

जोड़ों के लुब्रिकेंट का काम करता है - ओलिव आयल।  डेढ़ चम्मच ओलिव आयल में इबुप्रोफ़ेन 200 मिग्रा , जितनी पेन किलिंग क्षमता है।  इसे दिन में दो बार जोड़ों पर मलें।  जोड़ों में दर्द के वक्त नमक व खटाई का कम से कम इस्तेमाल किया जाए।  खानपान पर पूरा ध्यान दें।  व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बना लें क्योंकि इससे आपके जोड़ प्रोपर तरीके से मूवमेंट करते रहेंगे।  ध्यान रहे कि ज्यादा दर्द होने पर व्यायाम रोक दें और चिकित्सक की सलाह पर ही आगे व्यायाम करें