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Food Poisoning , Gastroenteritis( आंत्रशोथ ) Symptoms, Causes Treatment

Food Poisoning , Gastroenteritis( आंत्रशोथ ) Symptoms, Causes Treatment | Symptons Of Food Poisoning | Symptoms & Treatment Of Gastroenteritis | Food Poisoning Causes | 

गर्मी के दिनों में फूड पॉयजनिंग जैसी समस्या होना आम बात है।  लेकिन  आंत्रशोथ  भी अब काफी आम हो गया है।  रोग के कारणों की जानकारी न होने से रोग और भी गंभीर रूप धारण कर लेता है।  बड़ो के साथ साथ बच्चे भी इस रोग से प्रभावित होते हैं।  ज्यादातर महिलाएं रखा हुआ भोजन या फ्रीज किया हुआ भोजन करती है , जो आंत्रशोथ  का बहुत बड़ा कारण है।  बेहतर होगा यदि आप गर्मी के मौसम में ताज़ा भोजन ही लें। 

अमाशय या आंतो की सूजन को आंत्रशोथ ( गैस्ट्रोएंट्राइटिस ) के नाम से जाना जाता है।  यह एक तरह का तीव्र संक्रमण है, जो कई तरह के वायरस,बैक्टीरिया अथवा फूड पॉयजनिंग ( विषाक्त भोजन ) के कारण पैदा होता है।  उल्टी, दस्त,जी मिचलाना, पेट में मरोड़ महसूस होना इस रोग के लक्षण हैं।  इसे ठीक होने में 3 - 5 दिन लग जाते हैं।  डॉक्टरों के अनुसार,  संक्रमित , बासी और भारी भोजन का सेवन ही इस समस्या का मुख्य कारण है।  इस रोग की उत्पति का मुख्य कारण खास बैक्टीरिया हैं , जिनका संक्रमण महज 2 - 8 घंटो में फैलता है। 

आंत्रशोथ यूं तो एक सामान्य इंफेक्शन है लेकिन समय रहते उपचार न किया जाए , तो यह रोग गंभीर रूप धारण का सकता है इसलिए सावधानियां बरतें।  जैसे -
*  रखा हुआ या बासी भोजन न करें। 
*  अंडा , मछली, मांस के सेवन से बचें। दूध भी अच्छी तरह पकाएं।  अधपका भोजन भी न करें। 
*  साफ - सफाई का विशेष ध्यान रखें।  साफ हाथों से ही खाना बनाएं व परोसें।  बर्तन भी साफ सुथरे रखें। 
*  चावल व बीन्स आदि को दो घंटे से ज्यादा गर्म तापमान में न रहने दें।  ये विषाक्त हो सकते है। 

सामान्य लक्षणों की उपस्थिति में डॉक्टरी परामर्श की आवश्यकता नहीं होती , लेकिन पेट दर्द , मल त्याग के समय खून आना जैसे लक्षणों के पैदा होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।  देखने में कठिनाई होना, दो छवियां दिखना जैसे लक्षणों को कतई नजरअंदाज न करें। यह रोग भी गंभीरता प्रदर्शित करते हैं।  तरल पदार्थ और हल्का भोजन लेने की सलाह रोगी को दी जाती है। 

घरेलू उपचार 
उल्टी व दस्त होने की दशा में सिर्फ तरल पदार्थ का ही सेवन करें।  नमक, शक़्कर और पानी का घोल इस रोग में लाभकारी होते हैं।  खट्टे फलों के रस, पतला मटठे व ताजे दही का सेवन करें।  घरेलू उपचार में एक चम्मच सौंफ को 2 गिलास पानी में उबालें।  जब एक गिलास पानी शेष बचे, तो रोगी को यह पानी थोड़ी - थोड़ी मात्रा में पिलाते रहें।  इससे दस्त में आराम मिलेगा।  सेंकी हुई अजवायन, ज़ीरा व काले नमक का चूर्ण बनाकर दिन में 3 बार लें , आराम मिलेगा।  ठंडे पानी की पट्टी पेट पर रखना भी पेट की गर्मी को शांत करता है।